शुक्रवार, 23 नवंबर 2007

शब्द जो मैने कहे हि नही...

होथो के थीक पीछे हि था शब्द
और वह पीछे हि रह गया
आवाज का माध्यम मिला ही नही उसे
शब्द अर्थ समेटे मेरे मन का खामोश रह गया

1 टिप्पणी:

Kumar Mukul ने कहा…

आप अच्‍छा लिख रहे हैं हेमन्‍त भाई,सारी कविताएं व टिप्‍प्‍णियां पढ गया मैं, बहुत अच्‍छा