मंगलवार, 27 नवंबर 2007

अपूर्णता

हम नही रख सकते
स्वयं को एक सा सदा के लिये
बदलना पडता है हमें
वक्त के साथ
वक्त के अनुसार
समेटना पडता है बहुत कुछ
हर जगह से
अपनी अपूर्णता को करने के लिये कम
जीवन भर करना पडता है
संघर्ष
अपनी अपनी अपूर्णता के अनुसार

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